बदले-बदले नजर आएंगे गुरूजी
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शिक्षण संस्थान खोलने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने
राज्य सरकारों को सौंपी है। अब तक के 5 अनलाॅक में सबसे कठिन काम स्कूल और
काॅलेज खोलने का है। इस बीच संस्थानों ने बदलाव की तैयारी तेज कर दी है।
कैंपस ही नहीं गुरूजी भी बदले-बदले नजर आएंगे। शुरू में सिलेबस से अधिक
कोरोना का पाठ पढ़ाया जाएगा। स्कूलों में टीम गठित की जा रही हैं।
सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग, जागरूकता, हेल्थ चेकअप की जिम्मेदारी
अध्यापकों को दी जा रही है। स्कूल और क्लासरूम में कोरोना जागरूकता के
पोस्टर लगाए जा रहे हैं। स्टूडेंट्स को दूरी कायम करने के टिप्स दिए जाएंगे। पढ़ाई से
ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस होगा। गुरूजी को इन सबका रिकाॅर्ड
रखना होगा। स्टूडेंट्स स्कूल आएंगे या नहीं इस पर अभिभावकों की सहमति पूछी
जा रही है। फिलहाल ज्यादातर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के मूड में नहीं
हैं।
नार्थ ईस्ट में खुल गए स्कूल
उत्तर-पूर्व राज्यों में स्कूल खुलने लगे हैं। नागालैंड में जिन जिलों में कोरोना के एक्टिव केस नहीं हैं, वहां सरकारी स्कूल खुल गए हैं। उत्तर-पूर्व के राज्यों में कोरोना के केस कम हैं। सरकारी स्कूलों में नवोदय विद्यालय ने अपने स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है। नवोदय विद्यालय में छात्रों के रहने की व्यवस्था है। स्कूल में ही डोरमेट्री बनी है। नागालैंड, मणिपुर और मेघालय में जल्द स्कूल खुलने की उम्मीद है। देश में 1241 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनको भी खोलने की तैयारी है। केवी के साथ अच्छी बात यह कि संसाधनों के मामले में यह विद्यालय अग्रणी हैं। महामारी के बीच छात्रों को सुरक्षित पढ़ाई का माहौल देने की तैयारी चल रही है।
यूपी को लेकर इंतजार
स्कूल खोलने पर राज्य सरकारों को निर्णय लेना है। दिल्ली सरकार ने 31 अक्तूबर तक स्कूलों की छुट्टी घोषित की है। इस बीच स्कूलों में तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षक स्कूल जा रहे हैं। अभिभावकों से बात की जा रही है। केंद्र ने कहा है राज्य अपनी एसओपी तैयार कर 15 अक्तूबर के बाद स्कूल खोल सकते हैं। स्कूल प्रदेश सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र की एसओपी के बाद राज्य भी अपने हालात और क्षेत्र को देखते हुए कुछ निर्देश ओर जोड़ सकते हैं। जिन जिलों में केस कम हैं या घटने लगे हैं, वहां पर स्कूल खोले जाने का निर्णय हो सकता है।
अभी इंतजार और सही
करीब छह महीने से स्कूल बंद है। ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, लेकिन वह ऑफलाइन की जगह नहीं ले सकती। संक्रमण के खतरे और केस को देखते हुए ज्यादातर अभिभावक अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। अभी वह और इंतजार करना चाहते हैं। संक्रमण घटने या वैक्सीन आने तक वह रिस्क नहीं लेना चाहते। खासतौर पर छोटे बच्चों के मामले में। स्कूल खुलते हैं तो बड़ी क्लास के छात्र जैसे 10 और 12वीं के विद्यार्थियों आ सकते हैं। सब ठीक रहता है तो धीरे-धीरे संख्या बढ़ सकती है।
दीवाली के बाद खुलेंगे हाॅस्टल!
अक्तूबर के आखिर तक स्कूल और काॅलेज खोलने की तैयारी है। हायर एजूकेशन के संस्थान भी बंद हैं। 15 नवंबर की दीवाली है। दीवाली के मौके पर दूरदराज के संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं 10 से 15 दिनों की छुट्टी पर घर जाते हैं। फिलहाल सब घर पर ही हैं। संस्थान खुलते भी हैं तो हाॅस्टलर दीवाली के बाद ही आएंगे। समय गुजरने के साथ कोरोना की रफ़्तार भी पता चलेगी।
ये बदलाव आएंगे नजर
- स्कूलों में एसेंबली नहीं होगी
- इंटरवल में एकट्ठे नहीं हो सकेंगे बच्चे
- लंच बाॅक्स और पेंसिल, रबर आदि की नहीं होगी शेयरिंग
- मास्क लगाना होगा अनिवार्य
- सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन
- काॅलेजों की कैंटीन में नहीं होगी मस्ती
- हाॅस्टल में एक जगह बैठकर नहीं खा सकेंगे खाना
- लाइब्रेरी और स्टडी रूम में बनानी होगी सोशल डिस्टेंसिंग
चलते-चलते
जहां एक्टिव केस नहीं हैं या कम हैं, वहां स्कूल खुलने लगे हैं। मैदानी और बड़े राज्यों के लिए स्कूल खोलना कठिन डगर है। सरकारों के लिए यह फूक-फूककर रखने वाला कदम है।
- विपिन धनकड़
#Reopen School#Unlock 5
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टिप्पणियाँ
सही।
जवाब देंहटाएंBilkul sahi
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
हटाएंAt present we can only, wait and watch
जवाब देंहटाएंTrue.
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