विंटर ब्रेक

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सर्दी अकेली नहीं आती। अपने साथ विंटर ब्रेक, कोहरा, गलन भी लाती है। पहाड़ों पर बर्फ और मैदान पर शीतलहर का राज चलता है। एक चीज और लाती है सर्दी अपने साथ। न्यू ईयर। नये साल के जोश में चूर हम ठंड को ओढ़ते और बिछाते हैं। होटल, रेस्टोरेंट और सड़क पर जश्न मनाते हुए सर्दी का स्वागत करते हैं। सड़क पर ही बहुत से लोगों को कड़कड़ाती सर्दी सीमित कपड़ों और खुले आसमान में गुजारनी होती है।  चाय, काॅफी पीते और तापते हुए बोलते हैं ऐसी नहीं पड़ी पहले कभी। सर्दी का यह तकियाकलाम अखबारों में रोज रिकाॅर्ड बनाती और तोड़ती हेडलाइन को देखकर दम भरता है। मुझे विंटर ब्रेक का इंतजार औरों की तरह नहीं रहता। मैं पहाड़ों की जगह अपनी रजाई में घूम लेता हूं। मनाली, नैनीताल और मसूरी में गाड़ियों की कतार मुझे अपनी ओर नहीं खींच पाती। क्योंकि पत्नी और बेटे की छुट्टी रहती है और बाहर हम कम ही जाते हैं इसलिए मेरे ड्यूटी कुछ सख्त हो जाती है। रूटीन बेपटरी होने की शुरुआत अलार्म नहीं बजने से होती है। देर से सोना और सुबह जब मन करे उठना यह एैब इंसान को बर्बाद कर सकता है। दुनिया से काट देता है।  सर्दी बच्चों को बेकाबू होने की छूट देती है। नहान

ट्रंप के नोबेल दावे पर मचा शोर


फोटो फिल्म डेली डॉट कॉम वेबसाइट से ली गई है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार के नाॅमिनेशन को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने दूसरी बार शांति के लिए पुरस्कार पाने की चाहत का इजहार किया है। चुनाव है इसलिए चर्चा इस बार कुछ ज्यादा ही है। इस पर वह खर्चा भी कर रहे हैं। तीन नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आएंगे। उससे पहले अक्तूबर के पहले सप्ताह में नोबेल फाउंडेशन 2021 के पुरस्कारों की घोषणा कर देगी। 

वैसे अपने ट्रंप चचा हमेशा चर्चाओं में रहते हैं। कभी अपनी बातों से तो कभी इरादों से। दुनिया में जहां-जहां दो मुल्कों में तनाव है, वहां-वहां ये बिग बद्रर सुर्खियों का स्काॅप खोज लेता है। मान न मान मैं तेरा मेहमान की तरह बातचीत के मेज पर बैठने को हमेशा तैयार रहता है। शांति के क्षेत्र में पुरस्कार मिलेगा या नहीं, ये तो नोबेल फाउंडेशन तय करेगी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में ट्रंप  ने शांति से अधिक अशांति वाली बातें ज्यादा की हैं। कोरोना को लेकर चीन के साथ चल रही उनकी जुबानी जंग जाहिर है। दिन में जितनी बार वह आइना देखते हैं, उतनी बार अमेरिका में कोरोना फैलाना का चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं। कभी-कभी लगता है वह चुनाव चीन के खिलाफ लड़ रहे हैं। चीन के साथ सीमा पर भारत की तनातनी के बीच ट्रंप  ने मध्यथता की पेशकश की है। पेशकश वह पाकिस्तान को लेकर भी पेश करते रहते हैं। कोई संस्था अगर पेशकश या मध्यस्थता के लिए अवार्ड दे तो उसके लिए ट्रंप  निश्चित रूप से प्रबल दावेदार होंगे। शांति बहाली के अपने प्रयासों के बीच डोनल्ड ट्रंप ने कोरोना काल में भारत को आंखें भी दिखाई हैं। मामला एचसीक्यू दवाई की सप्लाई को लेकर था। उस वक्त यूएस में कोरोना पीक पर था। एचसीक्यू दवा संक्रमितों के इलाज में मददगार साबित हो रही थी। भारत एचसीक्यू का बड़ा सप्लायर है। ट्रंप  ने धौंस पट्टी जमाते हुए कहा उनको दवा नहीं मिली तो भारत को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। ये बात कोई शांति प्रिय शासक ही कह सकता है। 

बन रहा मजाक

ट्रंप के नोबेल नाॅमिनेशन पर मीम्स वायरल हो रहे हैं। यूएस में उनके नाॅमिनेशन पर कोई हक्का-बक्का है तो कोई कह रहा है यूएस के सभी राष्ट्रपति को नोबेल मिलना चाहिये। कोई तंज कस रहा है 'नार्थ कोरिया बातचीत से दूर जा रहा है और मैं नोबेल पुरस्कार प्राप्त करूंगा'।

ये है नाॅमिनेशन का कारण

ट्रंप  को शांति का नोबेल पुरस्कार देने के लिए नाॅमिनेशन करने की वजह हाल में इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हुए शांति समझौते को बताया गया है। यह समझौता कराने में उनके योगदान को सराहा गया है। ट्रंप  ने 2018 में भी नाॅमिनेशन किया था। तब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच उनके प्रयास से रिश्ते बेहतर होेने का दावा किया गया था। उनके रिश्ते कैसे हैं। यह जाहिर है।

चार राष्ट्रपति को मिल चुका पुरस्कार

अब तक अमेरिका के चार राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। इनमें थियोडोर रूजवेल्ट, वूडरो विल्सन, जिम्मी कार्टर और बराक ओबामा शामिल हैं। सबसे कम 17 साल की उम्र में मलाला यूसुफजाई को 2014 शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। 2001 में कोफी अन्नान और 1979 में सेंट टैरेसा को यह पुरस्कार मिल चुका है। 54 महिलाएं नोबेल पुरस्कार पाने में कामयाब रही हैं।

नोबेल को जानो

नोबेल पुरस्कार हर साल दिया जाता है। यह स्वीडन के महान वैज्ञानिक और इंजीनियर अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर 1901 से दिया जा रहा है। पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पुरस्कार नहीं दिया गया। नोबेल फांउडेशन फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार देती है। 


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- विपिन धनकड़ 


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