सुनो थाली कुछ कहती है
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थाली से तो वाकिफ होंगे आप। वही जो रसोई में खड़ी रहती है। आजकल चर्चा में बनी है। आमतौर पर थाली पर चर्चा बजट के आने पर होती है। इसको मानक मानकर मीडिया याद दिलाती है कि किसकी थाली में क्या-क्या आया है? महंगाई बढ़ने पर भी इसको याद कर लिया जाता है। थोड़े दिन पहले कोरोना वाॅरियर के सम्मान में सबने एकमुश्त बजाई थी। वैसे बेरोजगारी को लेकर भी इन दिनों थाली पीटी जा रही है। थाली एजेंडा बन चुकी है। इसकी गूंज ग्लैमर की गलियों तक पहुंच गई है। कह सकते हैं कि थाले की चर्चा में तड़का लग गया है। अदाकारा और सांसद जया बच्चन के संसद में बयान के बाद थाली पर बाॅलीवुड में समुंद्र मंथन शुरू हो गया है।
अभिनेता और सांसद रवि किशन ने संसद में बालीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया तो उनकी हमपेशा और सांसद जया बच्चन को यह नागवार गुजरा। उन्होंने पलटवार किया कि 'कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं'। तब से बालीवुड में थाली की नापतौल और किसकी थाली में क्या है, इस पर विमर्श चल रहा है? अभिनेत्री कंगना रनौत ने थाली बयान के संस्करण में यह कहकर की 'छोटे से रोल के लिए अभिनेत्री को हीरो का साथ सोना पड़ता है' कहकर एक अध्याय और जोड़ दिया है। वह चौकाने वाले खुलासे करती रहती हैं। छोड़िए, हम मुद्दे से न भटककर थाली पर ध्यान केंद्रित करते हैं। देश में कुछ और थालियां गूंज रही हैं। इनको भी थाप आपको सुननी चाहिये। अगर इनकी सुध नेता और सरकार ले तो तस्वीर बदल जाए।
महंगाई बढ़ी, थाली मायूस
थाली पर बोझ सिर्फ बजट के दौरान घटता-बढ़ता नहीं है। नौकरियों के संकट में अब महंगाई किसी को डायन नजर नहीं आ रही। आलू, प्याज, टमाटर के दाम इतने उछाल पर हैं कि खरीदार सोच-सोचकर लाल हुए जा रहे हैं। बाजार से कुछ भी खरीदो तो उस पर महंगाई का असर दिखता है। पूछने पर दुकानदार बोलता है। माल पीछे से महंगा आ रहा है। वह आगे सस्ता क्यों दे? कोरोना में सप्लाई करने वालों ने भी दाम बढ़ा दिए हैं। इलाज का हाल तो बुरा है। डाॅक्टरों की फीस में भी बढ़ोतरी हो गई है। नौकरियां जा रही हैं। सैलरी आधी रह गई है। ऊपर से महंगाई थाली को खाली करने पर तुली है। सरकारों को इस पर भी ध्यान देना चाहिये। कहीं थाली निवाले से खाली न हो जाए?
हाॅस्टल-कैंटीन वाली थाली
शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई बंद है। छह महीने से हाॅस्टलों पर ताले हैं। हाॅस्टलों में थालियों की गूंज खाने का आव्हान करती थी। पता नहीं यह सन्नाटा कब टूटेगा। मेस और कैंटीन में छात्रों के जमावड़े की अपनी अलग जिंदगी है। कुछ की तो यारी यहीं से पक्की हुई। मुलाकात भी मेस में होती थी। तेरी थाली मेरी थाली के बीच खूब इधर-उधर की बातें हो जाती थीं। क्लास शुरू हों तो हाॅस्टल खुले। छात्र कैंटीन और हाॅस्टल वाली थाली का इंतजार कर रहे हैं। उधर, रेस्टोरेंट का हाल भी अच्छा नहीं है। खुल तो गए हैं, लेकिन ग्राहकों का टोटा है।
प्रगति की सूचक थाली
थाली एक प्रतिमान है। जिसकी आवाज प्रगति की सूचक है। इसका बजना, खनकना, पिटना सबके अर्थ सकारात्मक हैं। रसोई में बजती है तो पेट भरती है। बालकनी में बजी तो सम्मान दिया। बेरोजगारी या किसी समस्या के लिए बज रही है तो उस पर भी ध्यान दो। इससे प्रगति होगी। थाली नहीं, ये तो नगाड़ा है। आखिर सुनना तो हमें पड़ेगा ही। आज नहीं तो कल।
चलते-चलते:
हमें सबकी थाली की चिंता करनी चाहिये। इसका जिक्र चाहे खाने के लिए हो या अपनी मांग उठाने के लिए, दोनों की फिक्र करने की जरूरत है।
- विपिन धनकड़
#Thali#Jayabachchan#KangnaRanaut#RaviKishan#Drugs
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टिप्पणियाँ
Thali to tharr tharr kaanp rahi hai bandhu. Charo traf se pitt hi rahi hai bechari,😀
जवाब देंहटाएंसही पकड़े बंधु।
हटाएंये सच है कि थाली हर घर की सबसे बड़ी जरूरत होती है
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने।
हटाएंमुद्दा कमाल तरीके से उठाते हैं आप विपिन भाई।
जवाब देंहटाएंबस आप लोगों की हौसला अफजाई है सर।
हटाएंKhoob likha aapne ...thali k bare main
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अमर जी।
हटाएंVery good.
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंVery good
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंDhanyawad bali tumhare jriye ek jwalant mudde pr pdne ko mila bhut khub baat pakdi hai pyar ,samman gussa aur pragati sabka prateek hai hamari thali
जवाब देंहटाएंधन्यवाद। 🙏
हटाएंसर हमारे यहां थाली , शादी में एकमुश्त मिलने वाली रकम को भी कहा जाता है। थाली में क्या मिला,,,
जवाब देंहटाएंअपनी वो थाली खाली है।
हटाएंसत्य कहा
हटाएंधन्यवाद।
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