विंटर ब्रेक

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सर्दी अकेली नहीं आती। अपने साथ विंटर ब्रेक, कोहरा, गलन भी लाती है। पहाड़ों पर बर्फ और मैदान पर शीतलहर का राज चलता है। एक चीज और लाती है सर्दी अपने साथ। न्यू ईयर। नये साल के जोश में चूर हम ठंड को ओढ़ते और बिछाते हैं। होटल, रेस्टोरेंट और सड़क पर जश्न मनाते हुए सर्दी का स्वागत करते हैं। सड़क पर ही बहुत से लोगों को कड़कड़ाती सर्दी सीमित कपड़ों और खुले आसमान में गुजारनी होती है।  चाय, काॅफी पीते और तापते हुए बोलते हैं ऐसी नहीं पड़ी पहले कभी। सर्दी का यह तकियाकलाम अखबारों में रोज रिकाॅर्ड बनाती और तोड़ती हेडलाइन को देखकर दम भरता है। मुझे विंटर ब्रेक का इंतजार औरों की तरह नहीं रहता। मैं पहाड़ों की जगह अपनी रजाई में घूम लेता हूं। मनाली, नैनीताल और मसूरी में गाड़ियों की कतार मुझे अपनी ओर नहीं खींच पाती। क्योंकि पत्नी और बेटे की छुट्टी रहती है और बाहर हम कम ही जाते हैं इसलिए मेरे ड्यूटी कुछ सख्त हो जाती है। रूटीन बेपटरी होने की शुरुआत अलार्म नहीं बजने से होती है। देर से सोना और सुबह जब मन करे उठना यह एैब इंसान को बर्बाद कर सकता है। दुनिया से काट देता है।  सर्दी बच्चों को बेकाबू होने की छूट देती है। नहान

आईपीएल में तकनीकी तालियों की गूंज

आईपीएल का 13वां सीजन शुरू हो चुका है। चौके-छक्के का नजारा और धड़कन बढ़ाने वाले मुकाबले मनोरंजन करने को हाजिर हैं। दर्शक दीर्घा खाली है, लेकिन तालियों का शोर थमा नहीं है। कृत्रिम आवाज टीवी सैट के दर्शकों को तालियों की कमी महसूस नहीं होने दे रही। तकनीकी तालियां बज रही हैं और माहौल बना रही हैं। आईपीएल में और कई बदलाव आए हैं। कोरोना ने जिस तरह लोगों की जिंदगी बदली है, वैसे ही क्रिकेट की भी बदली है। 

बल्ले पर बाॅल, ताली शुरू

बात फिल्म की हो या क्रिकेट की। अगर फैंस नही तो मजा नहीं। यूएई की धरती पर आईपीएल के रोमांच कम नहीं हुआ है। महामारी में मनोरंजन को तरस रहे क्रिकेट के दीवानों के लिए यह संजीवनी है। मैदान पर खिलाड़ी दर्शकों की कमी महसूस कर रहे हैं, लेकिन आयोजकों ने स्क्रीन पर देखने वालों के लिए तकनीकी तालियों का इंतजाम किया है। रिकाॅर्डिंग तालियां या सिंक इनको कहते हैं। हर चौके-छक्के और विकेट गिरने पर यह अनवरत बजती रहती हैं। बल्ले पर बाॅल आते ही इनको बजना होता है। चीयर गर्ल्स का न ठुमकना थोड़ा अखर सकता है। दर्शकों के तरह-तरह के मूड और क्रिएटिविटी नदारद है। पर बल्ले और बाॅल के संपर्क का मजा लंबे समय के बाद लाइव होने से लुत्फ लौट आया है।

फिटनेस और नया लुक

कोरोना काल में सबसे मुश्किल काम खुद को फिट रखना है। खिलाड़ियों पर भी इसका असर दिख रहा है। उनके लुक बदले हुए हैं। कुछ बदलकर मैदान पर उतरे हैं। ओपनिंग मैच चेन्नई सुपर किंग और मुंबई इंडियंस के बीच हुआ। इसमें महेंद्र सिंह धोनी पर सबकी नजर टिकी थी। वह नए लुक में नजर आए। धोनी ने दाड़ी को नया लुक दिया है। हेयर कट भी स्टाइलिश है। आरसीबी के स्टार बाॅलर डेल स्टेन लंबे बालों के साथ उतरे। उनके बाल उतने ही उछाल ले रहे हैं, जितना की टप्पा खाने के बाद उनकी बाॅल लेती है।

सोशल डिस्टेंसिंग शब्दावली में 

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग। ये दो शब्द हमारे जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। काॅमेंटरी में भी ये शब्द शामिल हो चुके हैं। गेंद और बल्ले के बीच की दूरी सोशल डिस्टेंसिंग बन गई है। कामेंटेटर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। वह ग्राउंड पर नहीं जा पा रहे, लेकिन अपने बाॅक्स से इसकी कमी पूरी कर रहे हैं। अधिकारी मास्क लगाकर मैच देख रहे हैं। लंबे-लंबे छक्के लगने पर बाॅल आने का इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि बाॅल वापस करने के लिए दर्शक नहीं है।


चलते-चलते : 

जिंदगी चलने का नाम है। जिस तरह आईपीएल लौटा है, वैसे ही सावधानी के साथ जिंदगी भी दौड़ने लगी है। सावधानी से ही हम जीत सकते हैं।


- विपिन धनकड़ 


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