चल गया पता रसौड़े में कौन था?
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चारों ओर शोर मचने के बाद आखिरकार पता चल ही गया है कि रसौड़े में कौन था? घबराने वाली बात नहीं है, रसौड़े में बिनोद नहीं था। बिनोद को खोजने में भी लोग कम मशक्कत नहीं कर रहे। इन दिनों रसोई में गतिविधि बढी़ हुई हैं। चीनी और चाय की पत्ती का डिब्बा तेजी से खाली हो रहा है। मिर्च-मसालों की उम्र घट गई है।
तीन पहर का खाना और दो वक्त की चाय के अलावा भी किचिन में बहुत सारे काम होते हैं। आपको ही नहीं किचिन को भी पता चल चुका है कि उसके अंगने में घुसपैठ हो गई है। सब्जी वाले भैया और किराना वाले अंकल भी रसौड़े में परिवर्तन से वाकिफ हैं। इन तमाम गतिविधियों का असर घर के अर्थशास्त्र पर देखा जा रहा है। जब से उन्होंने रसौड़े में कदम रखा है रोमांस की खुशबू परमानेंट सी हो गई है। मानों कोई मुराद पूरी हो गई हो। मन में मयूर डांस पर चांस मार रहा है। खुद से एक गिलास पानी भी न लेने वाले जब पूछते हैं कि 'तुम भी चाय लोगी क्या' सुनकर मन मंत्रमुग्ध हो जाता है। रिश्ते में अदरक और तुलसी की खुशबू घुल जाती है। खाना बनाने में भी वे कभी-कभार हाथ आजमाते हैं। सब्जी छौंकने के साथ दोनों इधर-उधर की बातें भी छौंक लेते हैं। कब कुकर में सीटी आ जाती है पता ही नहीं चलता। राम कसम रसौड़े में रोमांस का ऐसा अहसास पहले कभी नहीं हुआ। ऐसे मौके तो पतिव्रता को व्रत रखकर से भी न मिले। धन्य हैं वो पत्नियां जो इस तरह की सौभाग्यवति हैं। धन्यवाद दे रही हैं वो कोरोना को, जिसकी वजह से 'वो' रसौड़े में आए।
चलते-चलते : रसौड़े में कोई और नहीं वे भगौड़े पति मिले हैं, जो रेस्टोंरेंट में, चाय की दुकान पर और दोस्तों के साथ गप्पियाते पाए जाते थे। अब इनमें से कुछ रसोई में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
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#रसौड़े_में_कौन_था
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टिप्पणियाँ
सही लिखा सर।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंHa ha well said
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
हटाएंआपने सही ढूंढा।।।
जवाब देंहटाएंआपने सही ढूंढा।।।
जवाब देंहटाएंआपने सही ढूंढा।।।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर।
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