मत बोल कि बाॅलीवुड में लब आजाद नहीं!
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मीडिया का सबसे सशक्त माध्यम है सिनेमा। नायक और महानायक जैसे शब्द यहां गढ़े जाते हैं। समाज को दर्पण दिखाने वाले सिने जगत से जुड़े लोगों के लब बोलने के लिए आजाद नहीं हैं। इनकी अभिव्यक्ति हितों में कैद है। बात देश की हो या बाॅलीवुड की। किसी भी कंट्रोवर्सी पर बोलने से ये बचते हैं। यह सिनेमा के विडंबना ही है कि सही को सही और गलत को गलत हमारे ये कथित नायक और महानायक नहीं कह पाते। इनकी अपनी मजबूरियां हैं। लेकिन बाद में कंट्रोवर्सी पर फिल्म बनाने से भी नहीं चूकते। सवाल है कि समाज की बुराईयों पर प्रहार करने वाले कथित नायकों की क्या समाज के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है?
कंट्रोवर्सी चाहिये पर पैसे के लिए
ऐसा नहीं है कि फिल्मी सितारों को कंट्रोवर्सी पसंद नहीं है। ये तो कंट्रोवर्सी खड़ी करने के लिए जाने जाते हैं। कुछ तो ऐसे हैं कि चर्चा में बने रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। कंट्रोवर्सी से फिल्मों और अदाकारों को फायदा पहुंचता है। इसलिए निर्माता चाहते हैं कि थोड़ी बहुत तो ये होनी ही चाहिये। वह फिल्म के कथानक को लेकर हो, किसी संवाद या फिर सीन को लेकर। फिल्म की रिलीज से पहले कंट्रोवर्सी खड़ी हो जाती है या कर दी जाती है। मामले कोर्ट तक भी पहुंचते हैं।
हम बोलेगा तो बोलोगे की...
जिन कंट्रोवर्सी से फायदा नहीं उन पर बाॅलीवुड वाले नहीं बोलते। ज्वलंत मुद्दों से मुंह चुरा लेते हैं। वह चाहे देश के हों या बाॅलीवुड के। कुछेक हैं जो अपनी बात बेबाक तरीके से रखते हैं। वह इसके लिए जाने भी जाते हैं। बाॅलीवुड के हालिया दो मामले ये तस्वीर और साफ करते हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जब पहले नेपोटिज्म का मुद्दा उठा तो एक बार को इंडस्ट्री को सांप सा सूंघ गया। बाद में पक्ष और विपक्ष में लोग सामने आए। ड्रग्स के एंगिल पर भी यही हुआ। दूसरी ओर अभिनेत्री कंगना रनौत के बोलने से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई। एक दिन के नोटिस पर कंगना का घर तोड़ दिया गया। कोई बाॅलीवुड सितारा नहीं बोला। चुप्पी की एक खास बात और है। जितना बड़ा सितारा है, उतनी बड़ी चुप्पी। इनके हित सर्वोपरि हैं।
चलते-चलते: कंट्रोवर्सी पर बोलने के लिए बाॅलीवुड के सितारों के लब आजाद नहीं हैं। उनकी अपने हित हैं। दूसरी ओर वे कंट्रोवर्सी पर फिल्म बनाकर पैसे कमाते हैं। ये रोल माॅडल नहीं हो सकते। फिल्म और किरदारों को हमने अपने दिमाग में जरूरत से ज्यादा जगह दे दी है।
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टिप्पणियाँ
भाई आपके लेखन कला बहुत अच्छी है और सत्य को कहने से नहीं डरती आपकी कलम ऐसे ही सत्य लिखते रहिएगा आपका डॉक्टर योगेश कुमार
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर।
हटाएंसर आपकी लेखनी लाजवाब है।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंMeri good
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