विंटर ब्रेक

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सर्दी अकेली नहीं आती। अपने साथ विंटर ब्रेक, कोहरा, गलन भी लाती है। पहाड़ों पर बर्फ और मैदान पर शीतलहर का राज चलता है। एक चीज और लाती है सर्दी अपने साथ। न्यू ईयर। नये साल के जोश में चूर हम ठंड को ओढ़ते और बिछाते हैं। होटल, रेस्टोरेंट और सड़क पर जश्न मनाते हुए सर्दी का स्वागत करते हैं। सड़क पर ही बहुत से लोगों को कड़कड़ाती सर्दी सीमित कपड़ों और खुले आसमान में गुजारनी होती है।  चाय, काॅफी पीते और तापते हुए बोलते हैं ऐसी नहीं पड़ी पहले कभी। सर्दी का यह तकियाकलाम अखबारों में रोज रिकाॅर्ड बनाती और तोड़ती हेडलाइन को देखकर दम भरता है। मुझे विंटर ब्रेक का इंतजार औरों की तरह नहीं रहता। मैं पहाड़ों की जगह अपनी रजाई में घूम लेता हूं। मनाली, नैनीताल और मसूरी में गाड़ियों की कतार मुझे अपनी ओर नहीं खींच पाती। क्योंकि पत्नी और बेटे की छुट्टी रहती है और बाहर हम कम ही जाते हैं इसलिए मेरे ड्यूटी कुछ सख्त हो जाती है। रूटीन बेपटरी होने की शुरुआत अलार्म नहीं बजने से होती है। देर से सोना और सुबह जब मन करे उठना यह एैब इंसान को बर्बाद कर सकता है। दुनिया से काट देता है।  सर्दी बच्चों को बेकाबू होने की छूट देती है। नहान

एजूकेशन का सबसे बड़ा ट्रायल आज!

शिक्षा की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए देश में आज एक बड़ा ट्रायल होने जा रहा है! यूपी की बीएड प्रवेश परीक्षा 2020 में 73 जिलों में 431904 स्टूडेंट्स परीक्षा देने जुटेंगे। परीक्षा से एकेडमिक गतिविधियों का भविष्य तय होगा। कोरोना के दौर में ऑफलाइन होने वाली यह सबसे बड़ी एकेडमिक गतिविधि है। इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग का शब्दश: पालन होगा। 

नकल से ज्यादा कोरोना पर फोकस 

प्रवेश परीक्षा कई मायने में अहम है। यह कोरोना काल में होने वाली पहली परीक्षा के रूप में इतिहास में दर्ज होगी। नकल रोकने से ज्यादा कोरोना पर फोकस है । ऐसा नहीं है कि नकल की कोई छूट है। सेंटर बनाने से लेकर परीक्षा के संचालक तक में कोविड केयर को तवज्जो दी गई है। मास्क लगाना अनिवार्य है। सेंटर पर भीड़ जमा नहीं होने दी जाएगी।

यातायात व्यवस्था की भी परीक्षा

एजूकेशन सिस्टम के अलावा परिवहन व्यवस्था की भी परीक्षा होगी। अभ्यर्थी के अलावा उनको परीक्षा दिलाने के लिए साथ में परिजन भी आते हैं। इस तरह आंकड़ा चार लाख से कहीं अधिक हो जाएगा। बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर भीड़ न हो यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना थोड़ा कठिन होगा।

अगला कदम फाइनल ईयर के पेपर

शिक्षण संस्थानों में चार महीनों से ऑफलाइन पढाई ठप हैं। ऑफलाइन हो रही है। परीक्षा अटकी हुई हैं। छात्र टेंशन में है। यूजीसी ने छात्रों से संवाद करने और उनके तनाव को दूर करने के लिए कोविड हेल्पलाइन शुरू की है। यूजीसी संस्थान और छात्रों के मध्य इस बीच एक माध्यम बना है। अब विवि फाइनल ईयर की परीक्षा कराने की तैयारी कर रहे हैं। इस प्रवेश परीक्षा को ट्रायल के तौर पर देखा जा रहा है!

डीयू का कैंपस होगा गुलजार

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को राहत देते हुए फाइनल ईयर की परीक्षा कराने की इजाजत दे दी है। 10 अगस्त से 31 तक परीक्षा होगी। यूजी और पीजी की परीक्षा अब हो सकेंगी। बेजान हो चुके डीयू के कैंपस में अब हलचल बढ़ने से जान आएगी। दूसरी ओर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी बांबे को परीक्षा कराने का दबाव बनाने को लेकर फटकार लगाई थी।

सितंबर से शुरूआत

कोरोना अभी थमा नहीं है। इसलिए पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन शिक्षण संस्थान पढ़ाई को लेकर जो प्लानिंग कर रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि सितंबर से संस्थान छात्रों के लिए खुल सकते हैं। उच्च शिक्षण संस्थान इस दिशा में बढ़ रहे हैं। नीट और आईआईटी की प्रवेश परीक्षा भी सितंबर में प्रस्तावित है।


- विपिन धनकड़ 


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