वक्त जैसा भी हो गुजर जाता है। इसकी फितरत में फरेब है। यह एक जगह टिकता ही नहीं। कभी अच्छा तो कभी बुरा। चलता ही रहता है। आज खुशी दे रहा है तो कल गम दे सकता है। वैसे भी मुसीबत बताकर थोड़ी आती है। माना कि अच्छे दिन आना बाकी है, पर एवरी क्लाउड हैज ए सिल्वर लाइन। रात कितनी भी अंधियारी क्यों न हो सवेरा जरूर होता है। अगर ऐसी सोच हम अपनी रखेंगे तो यह वक्त भी गुजर जाएगा।
एक कहानी है। एक हाथी था। वह खूंटे से बंधा हुआ था। एक व्यक्ति वहां से गुजरा तो यह देखकर हैरान रह गया। सोचा भला इतना विशाल हाथी खूंटे से कैसे बंधा रह सकता है। चाहे तो वह उसे एक झटके में तोड़ सकता है। व्यक्ति ने हाथी के मालिक से इसका राज पूछा। मालिक ने बताया कि उसने हाथी को बचपन से पाला है। जब वह छोटा था तो तब से उसे वह रस्सी से इस तरह बांधता था। बचपन में उसने हजारों बार रस्सी तोड़ने की कोशिश की, लेकिन तोड़ नहीं पाया। यह बात उसके मन में घर कर गई कि रस्सी उससे टूटने वाली नहीं है। इसलिए वह अब रस्सी तोड़ने की कोशिश ही नहीं करता। इसलिए मन का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
प्रैक्टिकल अप्रोच अनाएं
माना कि इस वक्त सबके सामने अनेक समस्याएं हैं। बच्चों की पढ़ाई, नौकरी, किराया, खर्च, बीमारी और दूसरी जरूरतें मुंह बाएं खड़ी हैं। नौकरियां जा रही हैं। तनख्वाह कम हो गई है। किसी ने लोन लिया है तो किश्त की टेंशन, बच्चों की फीस, मकान के किराए भरने की टेंशन। जिनको पेंशन मिल रही है, उनको भी टेंशन। जब कई समस्या हमारी सामने होती हैं तो तनाव और दबाव चरम पर रहता है। सब पर एक साथ सोचने से हल किसी का नहीं होता और हालात बिगड़ते जाते हैं। बेहतर है की प्रैक्टिकल अप्रोच अपनाएं। एक-एक समस्या पर फोकस करें। कुछ न कुछ समाधान निकलेगा ही। जरूरी लग रहा है तो सलाह लेने में न हिचकें। खुद पर जितना दबाव कम कर पाएंगे, आप उतना बेहतर कर पाएंगे। झेलना और करना आप ही को है।
ताकत पर फोकस करें
जब दौर अच्छा न चल रहा हो तो कमजोरियों पर ध्यान जाता है। कमजोरी तो हर किसी में होती है। इन पर ध्यान देने से आप खुद को और कमजोर महसूस करेंगे। अपनी ताकत पर ध्यान दीजिए। लिखने, पढ़ने, बोलने, सोचने आदि की कुछ भी हो सकती है। अपनी शक्ति पर रोज काम करिये। इससे आपका समस्या से कुछ समय के लिए ध्यान हटेगा और अच्छा महसूस करेंगे। परिस्थितियां हमें तभी परेशान करती हैं, जब वो हमारे नियंत्रण में नहीं रहती। खुद पर नियंत्रण रख पाएंगे तो परिस्थितियां भी काबू में रहेंगी। थोड़ा शौक को वक्त दीजिए। देश-दुनिया को देखिए हर जगह लोग अलग-अलग तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं। उनसे लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं। आप अकेले नहीं है। उनसे प्रेरणा ले सकते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण से सीखो
भगवान कृष्ण से प्रेरणा लो। उन्होंने कितने कष्ट झेले। पैदा होते ही माता-पिता का साथ छूट गया। संगी साथी छूटे, राधा का प्रेम छूटा, पालनहार छूटे, मथुरा छूटी, वृंदावन छूटा। इतना सब छूटने के बाद भी उन्होंने हमेशा मुरली से प्रेम का संदेश दिया। उनके चेहरे पर हर वक्त मुस्कान रही। दुख का सागर अपने अंदर पी गए और लोगों के लिए अमृत की वर्षा की। उन्होंने अधिकार की नहीं कर्त्तव्य की बात की।
प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन की यह कविता किसी में भी जोश भर सकती है।
लहरों से डरकर नाव पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढकर गिरना, गिरकर चढना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
- विपिन धनकड़
#Fridayvibes#FridayThought#ThinkPositive
बहुत शानदार ओर सकारात्मक सोच को बढ़ाने वाला ब्लॉग है और ऐसे ब्लॉग से जीवन मे मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है धन्यवाद आपका
जवाब देंहटाएंपढ़ने के लिए धन्यवाद। ब्लॉग फॉलो कीजिये। आपको आगे और बहुत कुछ मिलेगा।
हटाएंBahut Achhey
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
हटाएंप्रेरणादायक सर।
जवाब देंहटाएंAisan shabdo main ghari soch bohot hi sundar tarikay say paish ki hai, truly inspirational....
जवाब देंहटाएंThank you sir
हटाएंबहुत उत्तम प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइस कोरोना काल में यह लेख काफी सार्थक है।
बहुत खूब sir
जवाब देंहटाएं