करीब एक साल से चल रही इस चर्चा पर कि जुलाई, 2021 से यूजीसी नेट पास वाले असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे पर विराम लग गया है. नई शिक्षा नीति में यूजीसी नेट को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है. अभी डिग्री काॅलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पर नियुक्ति पाने के लिए नेट पास या यूजीसी रेग्युलेशन के मुताबिक पीएचडी का होना जरूरी है. नेट को लेकर यह चर्चा काफी तेज थी कि नियुक्ति में सिर्फ पीएचडी को ही मान्य माना जाएगा. नेट को पीएचडी के समान न मानकर उसके नंबर जोड़े जाएंगेे. मतलब सिर्फ नेट पास करके आप आवेदन नहीं कर सकेंगे. नेट पास और इसकी तैयारी में जुटे लाखों छात्र-छात्राओं के लिए यह राहत की खबर है कि नई शिक्षा नीति में नेट को लेकर कोई बदलाव अभी तक नहीं हुआ है.
नौकरी में आवेदन की योग्यता खत्म करने की थी चर्चा
नई एजूकेशन पाॅलिसी में नहीं जिक्र, राहत की सांस
छात्रों की थी बड़ी चिंता
नेट को पीएचडी के समान न मानने की चर्चा देश में यूं ही नहीं चल रही थी. इसको लेकर एक कमेटी ने विचार किया था. जुलाई, 2021 से नेट को पीएचडी के समान न मानकर योग्यता में अंक देने की बात की जा रही थी. अगर ऐसा होता तो नेट क्वालीफाइड छात्रों का नुकसान था. केंद्र सरकार ने नई एजूकेशन पाॅलिसी का जो ऐलान किया है, उसमें नेट को लेकर किसी भी तरह के कोई बदलाव की बात सामने नहीं आई है. मतलब बदलाव नहीं होने जा रहा. अहम बात यह है कि नियुक्तियों के बारे में कहा गया है कि वह पुराने नियमों के आधार पर ही होंगी. इससे साफ हो जाता है कि बदलाव नहीं होगा. हालांकि पाॅलिसी का अभी पूरी तरह स्पष्ट होना अभी बाकी है.
पीएचडी पड़ जाती भारी
पीएचडी करना अब आसान नहीं रह गया है. यूजीसी ने कम से कम तीन और अधिक से अधिक पांच साल का वक्त तय किया है. प्रवेश परीक्षा और कोर्स वर्क पूूरा करने की प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी करीब एक साल लगा देते हैं. यूजीसी ने रेग्युलेशन में जब से सख्ती की है तब से पीएचडी करना कठिन हो गया है. लेकिन नेट पास करना इससे कहीं अधिक कठिन है. इसलिए नेट की मान्यता अधिक है. जुगाड़ से पीएचडी करने वालों की हमारे देश में कमी नहीं है. ऐसे में नेट का महत्व कायम रखना जरूरी है.
जल्द हो सकती है नेट तिथि की घोषणा
कोरोना की वजह से यूजीसी नेट जून 2020 अभी नहीं हो पाया है. सूत्रों के मुताबिक तिथि की घोषणा जल्द हो सकती है. हालांकि कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन जैसा की साफ है कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, इसके साथ जीना होगा. शिक्षण संस्थान सितंबर से अपनी गतिविधि शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. नेट की नई डेट आने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्र पर नजर है. डीयू का सत्र जल्द आरंभ करने पर विचार चल रहा है. देश में पढ़ाई शुरू करने के लिए यह एक तरह से माॅडल होगा. अगस्त में नेट की डेट आ सकती है.
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